अंधविश्वास या साइंस – बैठे-बैठे पैर हिलाने वाले ज़रूर पढ़ें : पैर हिलाने की आदत शुभ या अशुभ नहीं होती है। बल्कि, मेडिकल साइंस में पैर हिलाने की आदत को रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम के रूप में जाना जाता है।
अगर आप भी कहीं बैठने पर पैर हिलात हैं तो इस आदत को तुरंत बदलिए. आचार्य के अनुसार, ये आदत आपकी पर्सनालिटी तो खराब करती ही है, आपका राजफाश भी होता है. इसके अलावा दरिद्रता भी आती है. जानें कैसे…
अधिकतर लोगों को कुर्सी, बेड या किसी ऊंची जगह पर बैठकर पैर हिलाने की आदत होती है। घर या ऑफिस में अक्सर लोगों को पैर हिलाते हुए देखा जा सकता है। फिर यह धीरे-धीरे उनकी आदत बन जाती है। अक्सर लोग खाना खाते समय, काम करते समय पैर हिलाते रहते हैं। जब आप कभी अक्सर पैर हिलाते होंगे, तो घर पर मम्मी-पापा या बड़े-बुजुर्ग पैर न हिलाने की सलाह जरूर देते होंगे। दरअसल, बड़े-बुजुर्गों का मानना है कि पैर हिलाना बेहद अशुभ होता है। आपको बता दें कि हमारे समाज में इसी तरह के कई मिथ या अंधविश्वास फैले हुए हैं।
इसलिए, सेहत और खानपान से जुड़े ऐसे ही मिथकों और अंधविश्वास के पीछे छिपे साइंस के बारे में बताने के लिए ओन्लीमायहेल्थ “अंधविश्वास या साइंस” में हम आपको ऐसे ही अंधविश्वासों से जुड़े साइंस और वैज्ञानिक तथ्य बताने की पूरी कोशिश कर रहे हैं आइये जानते हैं कि पैर हिलाने के पीछे के वैज्ञानिक कारण क्या होते हैं। यानी बैठे-बैठे पैर हिलाने के पीछे का साइंस क्या है?
मेडिकल साइंस में पैर हिलाने की आदत को रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम के रूप में जाना जाता है। आपको बता दें कि यह एक गंभीर बीमारी है, जो कई बीमारियों का कारण बन सकता है। यह हृदय और किडनी रोगों के जोखिम को बढ़ा सकता है। रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम का कोई एक कारण नहीं है। दरअसल, जब मस्तिष्क कोशिकाओं द्वारा डोपामाइन का उपयोग करने के तरीके में कोई समस्या आती है, तो इस स्थिति में यह हो सकता है। आपको बता दें कि डोपामाइन एक मस्तिष्क केमिकल है, जो मांसपेशियों की गति में मदद करता है। यह कई कारणों से हो सकता है।
आखिर क्यों हिलाते हैं लोग पैर
वहीँ ज्योतिषाचार्य ने बताया कि कभी भी व्यक्ति को पैर नहीं हिलाना चाहिए. इससे यह पता चलता है कि व्यक्ति अंदर से बहुत अस्थिर है. उसके भीतर बेचैनी है. उसके दिमाग में लगातार सिर्फ विचार चल रहे हैं. अगर आप पैर हिलाएंगे तो जानकार ये आसानी से जान जाएंगे आप परेशान या बेचैन हैं. जब आपके भीतर कुछ विचार या बेचैनी होती है तो बाहर में आपके शरीर के मूवमेंट के जरिए भी वह चीज दिखाई देती है. आप स्थिर नहीं हैं. आपके भीतर शांति नहीं है. ऐसे में आप कोई भी काम कुशल पूर्वक नहीं कर पाएंगे. साथ ही, अधिक पैर हिलाने से शनि भी खराब होते हैं. पैर जो होते हैं, वह शनि के कारक होते हैं. ऐसे बार-बार पैर हिलाना शनि को भी खराब करता है।